Archive of South Asia Citizens Wire | feeds from sacw.net | @sacw
Home > South Asia Labour Activists Library > मजदूरों के नरेगा मजदूरी में (...)

ठकॠशन डे की पॠरेस विजॠञपॠति

मजदूरों के नरेगा मजदूरी में धोखाधड़ी के संदरॠव में पॠरधान मंतॠरी के खिलाफ देश भर के पॠलिस सॠटेशन में ठफ़. आई. आर

28 February 2019

All the versions of this article: [English] [हिंदी]

print version of this article print version

ठकॠशन डे की पॠरेस विजॠञपॠति

28 फरवरी 2019

• 28 फरवरी, 2019 को मजदूरों के नरेगा मजदूरी में धोखाधड़ी के संदरॠव में पॠरधान मंतॠरी के खिलाफ देश भर के पॠलिस सॠटेशन में ठफ़. आई. आर
• भारत के पॠरधानमंतॠरी और गॠरामीण विकास मंतॠरी को ततॠकाल नरेगा बजट के 25,000 करोड़ रॠपये निरॠगत करने के लिठयाचिका।

28 फरवरी को देश भर के नरेगा कारॠयकरॠता अपने अपने सॠथानीय पॠलिस सॠटेशन पोहोचे और पॠरधान मंतॠरी शॠरी नरेंदॠर मोदी के खिलाफ पॠराथमिकी दरॠज की। नरेगा संघरॠष मोरॠचा (NSM) दॠवारा चलाये गठराषॠटॠरीय कारॠयवाही दिवस के ठक मॠखॠय गतिविधि के रूप में यह कारॠयकॠरम देश भर में किया जा रहा है. नरेगा संघरॠष मोरॠचा, देश भर में नरेगा मजदूरों के साथ काम करने वाले संगठनो की ठक संयॠकॠत समूह है ।

देश भर के ९ राजॠयों में हज़ारो की संखॠया में मनरेगा मजदूर इस दिन अपने अपने निकटवरॠती पॠलिस थाने पोहोच कर सरकार के खिलाफ फिर दरॠज किठ. मनरेगा मजदूरी भॠगतान में सरकार दॠवारा जो कानूनी उलंघन हो रह है, यह पॠरदरॠशन उसी के खिलाफ मजदूरों की रोष का नतीजा है. बिहार, पशॠचिम बंगाल, ओडिशा, राजसॠथान, करॠनाटक, गॠजरात, मधॠयपॠरदेश, उतॠतर पॠरदेश और छतॠतीसगॠमें मनरेगा मजदूरों ने करीब 50 जिलो में 150 पॠलिस थाने में इकठॠठा होकर फिर दरॠज की.

भारत सरकार महातॠमा गांधी राषॠटॠरीय गॠरामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 (MGNREGA) के पॠरावधानों को लागू करने के लिठजिमॠमेदार है। देश के पॠरधान मंतॠरी होने के नाते शॠरी नरेंदॠर मोदी सॠनिशॠचित को सॠनिशॠचित करना है के ये कानून का सही से पालन हो और मनरेगा सॠचारू रूप से चले। हालांकि, पिछले पांच वरॠषों में अपरॠयापॠत धनराशि के आवंटन के कारण समय पर मजदूरी भॠगतान में देरी और ज़रॠरत के समय पर मजदूरों को काम ना मिलना ठक आम बात हो गयी है. मजदूरी भॠगतान में हो रही देरी मनरेगा अधिनियम को कमजोर बना रही है.

मजदूरों की मांग को पूरा करने के लिठकम से कम रॠ८८,००० करोड़ कारॠयकॠरम की ओर आवंटित किठजाने चाहिठथे। हालांकि, अपरॠयापॠत धनराशि के आवंटन के परिणामसॠवरूप बार-बार मजदूरी के भॠगतान केंदॠर सरॠकार के तरफ से रोक दिया जाता है और ज़रॠरतमंद मजदूरों को काम की मांग करते हॠठभी इस कारण काम नहीं मिल पाती है । इससे मजदूरों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है|

इसलिठपॠरधान मंतॠरी खॠद, मजदूरों को ठूठे वादे करके काम कराना , उनके मजदूरी भॠगतान में हो रही धोखाधड़ी और विशेष रूप से महातॠमा गांधी राषॠटॠरीय गॠरामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 के पॠरावधानों को उलंघन कर मजदूरों को नॠकसान पहॠंचाने जैसे से कई अपराधो का दोषी है। देश भर में हजारों मजदूर और उनके परिवार ने अपने लंबित मजदूरी की पॠरतीकॠषा कर रह है, आज इनॠमजदूरों ने मनरेगा कानून की पॠरधान उलॠलंघनकरॠता शॠरी नरेंदॠर मोदी, भारतीय पॠरधानमंतॠरी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 116 और 420 के तहत पॠराथमिकी दरॠज करने का फैसला किया है।

अकॠटूबर 2018 से 1 फरवरी 2019 के बीच की अवधि में, मनरेगा योजनाओ में धन की अनॠपलबॠधता के कारण कई राजॠयों में कोई भी फंड टॠरांसफर ऑरॠडर (FTO) process नहीं किठगठ, अधिनियम के पॠरावधान के अनॠसार काम करने के 15 दिनों के भीतर मजदूरी दी जाठगी| इस के बावजूद मजदूरों को मजदूरी के लिठलमॠबा इंतजार करने केलिठमजबूर किआ जाता है.
मनरेगा की इस धन संकट को दरॠशाते हॠठ, ठक पतॠर जिला मजिसॠटॠरेट (डीठम) या उपयॠकॠत के माधॠयम से देश भर के मजदूरों ने गॠरामीण विकास मंतॠरी को भेजा है, जिसमें कहा गया है कि नरेगा संघरॠष मोरॠचा के और से यह मांग की गयी है के “… भारत सरकार को तॠरंत 25000 करोड़ की धनराशी मनरेगा के लिठनिरॠगत करनी चाहिठजिससे की जून 2019 में चॠनाव के बाद का आम बजेट पेश होने तक नरेगा का काम सॠचारू रूप से चलायी जा सके |â€
इस मांग के पीछे तरॠक यह है कि, वितॠत वरॠष 18-19 का मनरेगा का पॠरारंभिक आवंटन 55,000 करोड़ रॠपये थे, इसके बाद जनवरी 2019 में मनरेगा मजदूरों, नागरिक संगठनो और विपकॠषी सांसदों के बढ़ते दबाव और आलोचना के कारण, इस कारॠयकॠरम के लिठअतिरिकॠत 6,084 करोड़ रॠपये के अतिरिकॠत फंड आवंटित किठगठ। सरकारी आखड़ो के अनॠसार, इसमें से रॠ5745 करोड़ पिछले वरॠषो के लंबित मजदूरी के भॠगतान करने में ही खरॠच हो जाठंगे। इसलिठ, जनवरी और मारॠच 2019 के बीच में मजदूरों को काम दिलाने केलिठऔर योजनाओ का सॠचारू कॠरियानॠवयन के लिठवॠयावहारिक रूप से कोई धनराशी है ही नहीं.
यह विडंबना है के सरकार के पास बॠलेट टॠरेन और बेंको को लूटने वाले उदॠयोगपतियो के कारण पैदा हॠठठनपीठकी भरपाई करने के लिठबहॠत पैसा है, लेकिन काम करने वाले शॠरमिकों के मजदूरी भॠगतान करने के लिठकोई पैसा नहीं है ।

NSM संयोजकों के समूह के लिठ: देबमालॠया और अंकिता (ठारखंड), अनॠराधा (बंगाल), ऋचा सिंह और अरॠंधति (यूपी), कामायनी (बिहार), मॠकेश (राजसॠथान), गंगा राम पाइकरा (छतॠतीसगढ़), आयशा और नैंसी (दिलॠली), नीता (गॠजरात), निरॠमला (ठपी) और अभय (करॠनाटक)।

कॠछ फोटोगॠराफॠसंगॠलगॠन है