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ज़िंदगी जिस धॠन में जी, मौत से भी पानसरे ने वही काम लिया पानसरे की शहादत को जाया न जाने देंगे: दिलॠली में शॠरदॠधांजलि सभा

11 March 2015

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विनीत और सोनू

नई दिलॠली । महाराषॠ†टॠर के कोलॠ†हापॠर में हाल में 16 फरवरी को अजॠञात हमलावरों की गोलियों का शिकार हॠठकमॠयॠनिसॠट पारॠटी ऑफ इंडिया के वरिषॠ†ठनेता कॉमरेड गोविंद पानसारे की याद में दिलॠली में शॠरदॠधांजलि सभा आयोजित की गई। आईटीओ सॠथित हिंदी भवन में जोशी-अधिकारी इंसॠटिटॠयूट ऑफ सोशल सॠटडीज़ और ऑल इंडिया सॠ†टूडेंटॠस फेडरेशन की ओर से आयोजित इस सॠ†मृति सभा में महाराषॠ†टॠर सीपीआई के सचिव डॉ. भालचंदॠर कानगो, दिलॠ†ली से वरिषॠ†ठपतॠरकार पॠरफॠलॠ†ल बिडवई, सांपॠरदायिकता और फासीवाद के खिलाफ लगातार काम कर रहे मॠंबई आईआईटी के पूरॠव पॠरोफेसर राम पॠनियानी सहित नॠ†यू ठज अखबार के संपादक शमीम फैजी ने पानसरे को याद किया और वरॠतमान राजनीति और चॠनौतियों पर अपने विचार साठा किठ।

इस मौके पर महाराषॠ†टॠर के सीपीआई सचिव डॉ भालचंदॠर कानगो ने डॉ कॉमरेड पानसरे को याद करते हॠठक†हा कि उनॠ†होंने कोई चॠनाव नहीं लड़ा था, लेकिन वे जनता में बहॠत लोकपॠरिय थे और समाज के हर वरॠग का पॠ†यार और समरॠथन उनॠ†हें मिला। उनॠ†होंने कहा कि पानसरे समाज के हर वरॠग की समसॠ†या को सॠलठाने, समठने के लिठतैयार रहते थे। यह बड़ी बात है कि उनकी हतॠ†या पर महाराषॠ†टॠर के मॠखॠ†यमंतॠरी देवेंदॠर फडणवीस ने इस बात को सॠ†वीकार किया कि कामरेड पानसरे की हतॠ†या के पीछे पॠरतिकॠरियावादी ताकतों सहित पूरी वॠ†यवसॠ†था जिमॠ†मेदार है। उनॠ†होंने कहा कि कॉमरेड पानसरे हमेशा विचारों की लड़ाई लड़ते थे, उनॠ†होंने तकरीबन 21 किताबें लिखीं और उनमें सबसे जॠ†यादा चरॠचित महाराषॠ†टॠर के इतिहास पॠरॠष छतॠरपति शिवाजी पर लिखी किताब हॠई। शिवाजी कौन है? नाम से लिखी पॠसॠ†तक में उनॠ†होंने शिवाजी के बारे में सांपॠरदायिक ताकतों दॠवारा फैलाठगठठूठके सच को सामने लाने की कोशिश की। उनॠ†होंने कहा कि उनकी इस किताब की तकरीबन डेॠलाख से जॠ†यादा पॠरतियां बिक चॠकी है। उनॠ†होंने कॉमरेड पानसरे के साथ अपने कई संसॠ†मरणों को याद करते हॠठकहा कि वे अजातशतॠरॠथे। डॉ. कानगो ने कहा कि पानसरे की मृतॠयॠसे महाराषॠटॠर की राजनीति में बिखरे हॠठतमाम वामपंथी समूह, दलित वॠआदिवासी जॠड़े हैं। पानसरे देह से भले असॠसी के हो गठहों लेकिन रचनातॠमकता और उतॠसाह उनका भरपूर यॠवा था।

कॉमरेड पानसरे की शहादत पर शॠरदॠधांजलि देते हॠठसीपीआई नेता, और मधॠ†य पॠरदेश पॠरगतिशील लेखक संघ के महासचिव विनीत तिवारी ने वरिषॠ†ठसाहितॠ†यकार, लेखक और पतॠरकार विषॠ†णॠखरे और जोशी इंसॠटिटॠयूट ऑफ सोशल सॠ†टडीज के पॠरेसिडेंट शॠरी ठस. पी. शॠकॠ†ला के संदेश पॠे। ठस. पी. शॠकॠ†ला ने अपने संदेश में कहा कि पानसरे मजदूर तबके से आते थे और महाराषॠ†टॠर के शाहू जी महाराज और सतॠ†यशोधक आंदोलन से सीखकर कमॠ†यॠनिसॠ†ट आंदोलन में शामिल हॠठथे। लेकिन उनॠ†होंने कभी भी शाहू जी महाराज और सतॠ†यशोधक आंदोलन को भॠलाया नहीं। उनॠ†होंने कहा कि पानसरे को इस बात की खॠशी थी कि उनॠ†होंने महाराषॠ†टॠर के इतिहास पॠरॠष छतॠरपति शिवाजी महाराज को सांपॠरदायिक ताकतों के पास जाने से रोकने का पॠरयास किया और उनॠ†हें उनकी असली जनता को सौंपा जो मेहनतकश और गैर सांपॠरदायिक है। विषॠ†णॠखरे ने अपने संदेश में कहा कि मराठी कवि नामदेव ढसाल की शॠरदॠधांजलि सभा में पानसरे से हॠई दो घंटे की मॠलाकात मेरे जीवन पर उनके वॠ†यकॠतितॠ†व की अमिट छाप छोड़ गई। उनॠ†होंने कहा कि वे असली योदॠधा थे जो आजीवन समतावादी समाज, लोकतांतॠरिक मूलॠ†यों और समाजवाद के लिठलड़ते रहे।

डॉ पानसरे को याद करते हॠठमॠंबई आईआईआईटी के पूरॠव पॠरोफेसर और सांपॠरदायिकता और फासीवादी मॠदॠदों के खिलाफ लगातार काम कर रहे सामाजिक कारॠयकरॠता डॉ राम पॠनियानी ने कहा कि पानसरे जैसे लीडर अपने लकॠषॠ†य और काम को लेकर बहॠत ही समरॠपित थे। उनॠ†होंने कहा कि कॉमरेड पानसरे की हतॠ†या के पीछे समाज में फैलता धारॠमिक अंधविशॠ†वास और महाराषॠ†टॠर लगातार फैल रहा जातिवाद ही है। उनॠ†होंने कहा कि पानसरे महाराषॠ†टॠर में सांपॠरदायिकता के खिलाफ काम कर रहे थे। उनॠ†होंने पॠणे में दाभोलकर की हतॠ†या को भी इसी से जोड़ते हॠठकहा कि यह दोनों ही अपनी-अपनी तरह से महाराषॠ†टॠर में जागरूकता पैदा कर रहे थे और दोनों की ही हतॠ†याठं तथाकथित पॠरगतिशील महाराषॠ†टॠर के लिठचॠनौती है। उनॠ†होंने कहा कि महाराषॠ†टॠर के इतिहास के पॠरतीक पॠरॠष शिवाजी पर पानसरे का कारॠय अभूतपूरॠव है और जिस तरह से महाराषॠ†टॠर में शिवाजी का सांपॠरदायिक उपयोग कर राजनीति को चमकाया गया है उसके खिलाफ पानसरे के शिवाजी ठक चॠनौती की तरह खड़े होते हैं। उनके इस काम ने मॠठे भी चौंका दिया। उनॠ†होंने कहा कि उनकी मृतॠ†यॠके बाद शिवाजी पर किया गया कारॠय और जनता के बीच पहॠंचेगा।पानसरे ने अपने जवान बेटे के न रहने के दॠःख को भी ठक रचनातॠमक दिशा देकर हमें सिखाया कि वॠयकॠतिगत दॠःख-सॠख से समाज के लिठकिया जाने वाला काम नहीं रॠकना चाहिठ। पॠरो पॠनियानी ने पानसरे के साथ अपने संसॠ†मरणों को साठा करते हॠठउनॠ†हें ठक समरॠपित नेता और कभी न टूटने वाला इंसान बताया।

वरिषॠ†ठपतॠरकार पॠरफॠलॠ†ल बिडवई ने कहा कि रामकृषॠण बजाज ने ही बाल ठाकरे को ये विचार दिया था कि शिवाजी की संहारक और शिव की सृषॠटिकरॠता की छबि का शिवसेना इसॠतेमाल करे। इससे महाराषॠटॠर की राजनीति को दकॠषिण पंथी मोड़ देने की कारॠरवाई हॠई। उनॠहोंने महाराषॠ†टॠर में मॠंबई के बड़े मज़दूर नेता कॉमरेड कृषॠ†णा देसाई की 1970 में हॠई हतॠ†या का हवाला देते हॠठकहा कि उस समय भी उनकी हतॠ†या के विरोध में लाखों लोग मॠंबई और दिलॠ†ली में इकटॠठे हॠठथे, लेकिन कमॠ†यॠनिसॠ†ट पारॠटियों ने उनसे अपने गॠसॠ†से को नियंतॠरित करने के लिठकहा था। उनॠहोंने कहा कि उस वक़ॠत जनाकॠरोश को दिशा देने में वामपारॠटियां असफल रही थीं और शिवसेना ने सांपॠरदायिक नीतियों को फ़ैलाने की जगह बनाई। पानसरे भी कृषॠणा देसाई की तरह अनेक वरॠगों के सरॠवमानॠय नेता थे। उनॠहोंने कहा कि जब वे असॠसी वरॠष के हॠठतो बहॠत सी टॠरेड यूनियनों और महाराषॠटॠर के अनेक लोगों ने उनका अभिननॠदन करने के लिठधन संगॠरह किया। जब उनॠहें बताया गया तो उनॠहोंने कहा कि इस पैसे से ठसे सौ लोगों पर केंदॠरित पॠसॠतकें पॠरकाशित की जाठं जो पॠरसिदॠधि की आकांकॠषा किये बगैर चॠपचाप समाज के हक़ में, वंचित लोगों के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं।

नॠ†यू ठज अखबार के संपादक और गोविनॠद पानसरे के पॠराने साथी शमीम फ़ैज़ी ने कहा कि महाराषॠ†टॠर में ठक और साथी की हतॠ†या चौंकाने वाली है। उनॠ†होंने कहा कि अभी तक दाभोलकर के हतॠ†यारे पकड़े नहीं गठहैं, लेकिन पानसरे के साथ नॠ†याय में हम देरी नहीं होने देंगे। उनॠ†होंने कहा कि वरॠतमान सरकार सांपॠरदायिक बयानबाजियों से रोजी, रोटी और सोशल इकॉनॉमिक मॠदॠदों से जनता का धॠ†यान हटाना चाहती है इसलिठजब अदानी को सॠ†टेट बैंक से हजारों करोड़ का लोन देने की बात आती है तो साकॠषी महाराज गोडॠसे पर बयान देते हैं, जब भू अधिगॠरहण पर बात उठती है तो मोहन भागवत मदर टेरेसा पर बयान देते हैं। उनॠ†होंने कहा कि कृषॠ†णा देसाई की मौत के वक़ॠत जो चूक हॠई वो अब नहीं होगी और जनता के गॠसॠसे को जाया नहीं जाने दिया जाठगा। हम सभी लोकतांतॠरिक, पॠरगतिशील और सामाजिक संगठनों को इसके खिलाफ ठकतॠरित करेंगे और ठक नई लड़ाई का आगाज करेंगे।

कारॠयकॠरम के आखिर में दिलॠली इपॠटा से मनीष शॠरीवासॠतव व अनॠय सदसॠयों ने "ठलाल फरेरे तेरी कसम" तथा "हम सब इस जहां में ज़िंदगी के गीत गाठठ" गीत गाकर अपना सलाम पेश किया। कारॠयकॠरम में वेनेज़ॠठला के दूतावास से पॠरथम सचिव रिचरॠडॠस सॠपिनोज़ा भी अपनी शॠरदॠधांजलि पॠरकट करने आये थे। पॠरो विशॠ†वनाथ तॠरिपाठी, इतिहासकार सॠमित सरकार, तनिका सरकार, पॠरो अरॠजॠन देव, पॠरो गारॠगी चकॠरवरॠती, पॠरो. कृषॠणा मजूमदार, पॠरो. सॠबोध मालाकार, पॠरो. दिनेश अबरोल, पॠरो. मधॠपॠरसाद, साहितॠ†यकार पंकज बिषॠ†ट, पतॠरकार रामशरण जोशी, तीसरी दॠनिया पतॠरिका के संपादक आनंदसॠ†वरूप वरॠमा, पतॠरकार अभिषेक शॠरीवासॠतव, बीबीसी के पतॠरकार इकबाल अहमद, महिला फेडरेशन की राषॠ†टॠरीय महासचिव ठनी राजा, अरॠथशासॠ†तॠरी जया मेहता, शांता वेंकटरमण, अनहद की शबनम हाशमी, लेखक सॠभाष गाताडे, पॠरो अचिन विनायक, महिला फेडरेशन की वरिषॠ†ठनेतॠरी पॠरमिला लॠमॠ†बा, लेखिका नूर जहीर, दिलॠली भाकपा के सचिव कॉम. धीरेनॠदॠर शरॠमा और पॠरो दिनेश वारॠषॠणेय, अमीक़ जामेई, पिलानी से आये विमल भानोट, उतॠतर पॠरदेश के वरिषॠठशिकॠषक संघ नेता हरिमंदिर पांडे और सॠ†टूडेट फैडरेशन के राषॠ†टॠरीय महासचिव विशॠ†वजीत सहित अनेक वामपंथी संगठनों के पॠरतिनिधि व अनॠय लोग उपसॠथित थे, जिनॠ†होंने कामरेड पानसरे को शॠरदॠधांजलि दी। कारॠयकॠरम का संचालन जोशी-अधिकारी इंसॠटिटॠयूट के निदेशक पॠरो अजय पटनायक ने किया।

संलगॠन : सभा के चितॠर

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